Sunday, March 1, 2009

मौसि और मा को चोदा

मौसि और मा को चोदा

दोस्तों मैं इस्स सीटे का रेगूलर र्ेआडेर हूँ और देसी स्टोरय को काफ़ी पसंद करता हूँ. इतनी कहानियाँ पड़ने के बाद मेरा भी मान सेक्श करने का काफ़ी करता हैं लेकिन आज तक मौक़ा नहीं मिला.

आज जो कहानी मैं सुनने ज़रहा हूँ वोह मेरे साथ बीती हुई साची कहानी हैं एह वाक़या आज से क़रीब एक महीने पहले की हैं सबसे पहले मैं आप को मेरे परिवार से परिचित करा दूं ताकि आप मेरी सत्या कथा का आनाद ले सके

मैं अपने मा बाप का एक्लॉता बेटा हूँ अभी मेरी उमर 19 साल की हैं और मैं स्य ब्कों का एक्शम दिया है मेरा सरीर हटता काटता बलिस्ट हैं पैर मेरा रंग सांवला हैं हम मुंबई के चावल मे सिंग्ले रूम मैं रहते हैं जब मैं 5 साल का था पिताजी का स्वार्ग्वस हो गया था. मेरी मा अब जो की 38 साल की हैं और सरीर सवाला और मोटा हैं जिसके कारण जब वोह चलती है तो उसके छूतर काफ़ी हिलते हैं उन्होने फाकटोरय मैं काम कर कर मेरी पड़ाई लिखाई कर रही थी और पिछले 2 साल से मैं एक प्रिवते कोंपँय मैं पार्ट टीमे कोँपुटेर ओपेरटोर का काम करता हूँ और कोल्लागे भी जाता हूँ

हमारे घर मैं अब केवल 3 सदस्या रहते हैं मैं मेरी मा और मेरी मौसी. मेरी मौसी की उमर 36 साल की हैं और वोह भी विधवा हा. उनके पति का देहांत क़रीब 3 साल पहले हूवा था और उनकी कोई औलाद नही थी. इसलिए मा ने मौसी को अपने पास बुला लिया और दोनोत साथ साथ फाकटोरय मैं काम करने लगे.

एक ही रूम होने के कारण हम तीनो साथ साथ सोते थे. मेरे बाजू मैं मौसी सोती थी, मौसी के बगल मैं मा सोती थी. सोते समय मा और मौसी अपने ब्रा और लेहंगा उतर कर केवल निघटय पहनते थे (वोह दोनो निघटय उसे नहीं करते थे. दिन मैं सारी ब्लौसे और इननेर गारमेंट्स मैं ब्रा और लेहंगा पहनते थे.) और मे केवल लूंगी और उंडेर्वेआर पहनकर सोता था

एक दिन अचानक क़रीब 12:30 बजे रात को मेरी नींद खुली क्यों की मुज़े पेसब लगी थी पैर मैने देखा की मौसी की निघटय कमर तक उठी हुई थी वोह दीरे दीरे आाााहह्हहा उईई की आवाज़े निकल रही थी और वोह अपने दाहिने हाथ की उंगलियों से अपने छूट के अंदर बाहर कर रही थी और उनका बयान हाथ मा की छूट को सहला रहा था. एह देखते ही मेरा लंड टन कर 6 इंच लंबा और क़रीब 2.75 इंच मोटा हो गया था. कुछ देर के बाद मौसी सो गयी थी सायद उनका पानी झार गया था और वो सो गयी थी. लेकिन मुज़े नींद नहीं आरही थी और बार बार मौसी की हरकत मेरे नज़ारो के सामने नाच रहा था. खेर कुछ देर बाद उठ कर मैं पेसब करने चला गया और ना जाने कब नींद आगाईी.

आब मैं मौसी को वासना की नज़रों से देखता था. अगले दिन सनीवार था मैं मा से कहा की मा साम को चिक्केन बनाना मा ने कहा ओफ़्फ़िसे से आते समय चिक्केन ले आना. मैने कहा ठीक हैं मा.

एक बात मैं आप को बताना भूल गया की 1-2 महीने मैं मा और मौसी कभी कभी विश्कय का 1-1 पग पीते थे. एक दिन मैं दोस्तो के साथ होटेल मैं पी कर घर आया तो मा ने आते हे पूच्छा "बेटा क्या तुमने सारब पी हैं मैने कहा "हाँ मा, एक दोस्त मुज़े होटेल लेगाया और वहाँ हम लोगो ने विश्कय पी" मा के कहा बेटा आब तू बड़ा होगया है और अगर तुज़े पीना है तो घर पैर पीया करो क्यों की बाहर पीने से पैसे ज़्यादा लगते हैं और आदत भी ख़राब होती हैं मैने कहा "टिक हैं मा, आब से मैं घर मैं ही पीया करूँगा" उस दिन के बाद जब भी मेरा मान 1-2 महीने मैं पीने का होता हैं तो मैं घर पैर हिस विश्कय पिया करता हूँ और पीते समय मा और मौसी भी मेरा साथ देती हैं

सनीवार को साम को ओफ़्फ़िसे से आते समय मैं चिक्केन लाया और साथ मैं विश्कय की बोतले भी लाया. क़रीब 09:30 बजे मा ने आवाज़ दी चलो खाना त्यार है आज़ाओ. मौसी 3 ग्लस्स और विश्कय ले आई और हम तीनो पीने लगे मा और मौसी केवल 1-1 पेग पीए और मैने 3 पेग पयी. खाना खाने के बाद मा और मौसी ने सब काम ख़तम करके सोने की टायरी करने लगी रोज़ाना की तरह हम तीनो सो गाये रात क़रीब 1:15 बजे मैं पेसब करने उठा तो देखा की मौसी, मा की तरफ़ करवत करके लेती थी और उनका दाहिना पैर मा के पैर पैर था और मा की निघटय घुटनो के थोड़े उपर तीस उठी हुई थी जबी मौसी की निघटय छूटारो से थोड़ी नीचे तट सर्की हुई थी. मैं ने बिना आवाज़ किया पासेब करके लॉता तो देखा की दोनो गहरी नींद मैं सोए थे शायद विश्कय के असर से उन्हे गहरी नींद अगयी थी. मैने धीरे से मौसी की निघटय तो कमर थे उठा दिया. अब मौसी की झांतू से भारी छूट साफ़ नज़र आरही थी. मौसी का दाहिना पैर मा के पैर पैर होने के कारण मौसी की छूट की दोनो काली फ़ंके फैली थी और अंदर का गुलाबी भाग साफ़ नज़र आराहा था. उनकी छूट को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और उंडेर्वेआर से बाहर आगया. मुज़स्े रहा नहीं गया और सोचा की मौसी की छूट मैं लंड पेल दूं पैर हिमत नही हो रही थी. फिर मैने मौसी की तरफ़ करवत करके सोने का नाटक करने लगा और मैने मेरा लंड हाथ से पकड़ कर मौसी के छूट के पास रख दिया. दर की वजह से मैं लंड को उनकी छूट मैं घूसा नही सका क्यों की अगर मौसी जाग जाए गी तो शायद नाराज़ हो कर मा से सिकायत कर देगी. इसलिए लंड को छूट के पासस लगा कर धीरे धीरे लंड को लगड़ ने लगा ऐसा करते हुवे कुछ हे देर के बाद मेरे लंड ने बहुत सारा विर्या मौसी की छूट पैर और झांटो पैर जा गिरा.

सुबहा सुंदय होने के कारण मैं क़रीब 11 बजे उठा. तो मुज़े मौसी और मा को धीमे आवाज़ मैं बात करते सुना. मुज़े लगा शायद मौसी मेरी शिकायत मा से कर रही हो इसलिए मैं ध्यान लगाकर उनकी बातें सुन ने लगा.
मौसी: दीदी पता है रात को क्या हूवा
मा: क्या हूवा?
मौसी: रात जब मैं क़रीब 2:30 बजे पासद के लिए उठी तो देखा की दिनू बेटा का लंड बाहर निकला हूवा था
मा: शायद उसका उंडेर्वेआर दिला होगा इसलिए उसकी नूनी बाहर निकल आई होगी ?
मौसी: दीदी अब उसकी नूनी, नूनी नही रही, अब तो मरडो की तरह लंड बन चुका है
मा: अच्छा, तब तो उसकी सदी की टायरी करनी पड़ेगी. खेर एह बताओ कितना बड़ा लंड था उसका.
मौसी: उसका सिकुड़ा हूवा लंड ही काफ़ी बड़ा लग रहा था
मा: अस्चर्या से "अच्छा, तब तो जब उसका लंड खड़ा होगा तो काफ़ी बाद होगा"
मौसी: और दीदी मैं जब पेसड़ करके उठी और छूट को साफ़ करने लगी तो मेरे हथेली पैर झांतू से और छूट की फ़ानको से कुछ चिपचिप लग गया. शायद नींद मैं बेटे का लंड का पानी गिरा होगो.
मा: इसलिए कहती हूँ रात मैं नींद मैं अपनी निघटय का ख़याल रखना छैइए तुज़े. क्यों की अक्सर मैं देखती हूँ तेरी निघटय कमर थे आ जाती हैं

अब मैं समाज गया की रात को जो कुछ भी मैने किया उसका मौसी ने बूरा नहीं माना. और मैं उठ कर नहा ढॉकर नस्ते का वैट करने लगा. इतने मैं मा नी मौसी से कहा, दिनू को नस्टा डेडो मैं कपड़े सूखने जा रही हूँ.

मौसी मेरे लिया नस्टा लेके आई और पास हे बैठ गयी रात की घटना के बाद मैं मौसी को कमुक निगाहों से देखता था. जब मेरी नज़र उनकी चूचि पैर पड़ी, तो उन्होने पूच्छा क्या देख रहे हो बेटा मैने कहा मौसी आज आप ख़ूबसूरत लग रही हो. मौसी हँसी और उठकर चली गयी

रात को खना खने के बद हुम सब सोने कि तयरि मैन लग गये। पर मुज़े निनद नहि आरहि थि मैन केवल सोने का नतक कर रहा था अयर मौसि को कैसे चोदा जये येह पलन्निनग बना रहा था। करिब 12:45 को मैन आनख खोल कर देखा तो मौसि आज रत भि कल रात कि तरह सोयी थि लेकिन आज उनकी निघती पुरि कमर के उपर थि और उनकि चूत मुज़े सफ़ नज़र आरहि थि। उनकि चूत देख कर मेरा लुनद खदा हो कर चोदने के लिये तयर हो चूका था इतने मैन मेरे दीमग मैन एक इदेअ आया मैने उथ कर लिघत बनद करदि और मेरे लुनद पेर देर सरा तेल लगा के आया। अब मैन मौसि कि और करवत कर कल रत कि तरह उनकि चूत के मुख पर लनद रख दिया। मेरा लुनद का सुपदा चिकना होने के करन थोदा मौसि कि चूत मैन चला गया। मुज़े मौसि कि चूत का एहसस लुनद पर महसूस हुवा जिस करन मैन और उतेजित हो गया और धीरे से जोर लगा कर आदा सुपदा मौसि कि चूत मैन दल दिया। आदा सुपदा जते हि मौसि के सरिर मैन कुच हरकत हुयी मैने सोचा शयद मौसि जग गयी होगि इसलिये कुछ देर तक ऐसे हे सोने का नतक करने लगा। जब कुछ देर तक मेरे सरिर से कुछ हरकत ना होने पर मौसि ने थोदि गनद मेरि और सरका दि जिस करन मेरा पुरा सुपदा उनकि चूत मैन घूस गया। मैन समज नहि पया कि मौसि ने निनद मैन यह हरकत कि या जनभूज़ कर, खै मैने हिमत जुतयी और एक हाथ उनकि बूब पर रख दिया और होले होले दबने लगा। इतने मौसि सिधि होकर सोगयी जिस करन मेरा लुनद चूत से बहर निकल गया। थोदि देर बद मैने मौसि का हथ मेरे लुनद पर महसूस किया। वोह मेरे लुनद को पकद कर अगे पिछे कर रहि थि मैन भि एक हथ से उनके बूबस दबा रहा था और दुसरे हथ से उनकि चूत सहला रहा था। येह करिया हुम लोग करिब 5 मिनुतेस तक करते रहे फिर मौसि ने मेरे कन मे कहा बेता तुम मेरि चूत कि और मुहा रख कर मेरि चूत को चतो मैन तुमरा लुनद चतुनगि। अब हुम 69 कि पोसितिओन मैन हो कर एक दुरे का चूत और लुनद चुमने चतने लगे। मैन जब अपनि जिभ से उनकि चूत के फ़नको रगद तथा तो वहो आआआआह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊईईईई माआआआ कि धीरे धीरे अवजे करति थि। कुच देर बद उनकि चूत से सफ़ेद पनि अगया और उस वकुअत उनहोने मेरा सिर पुरि तरह से चूत पर दबा रका था जिस करन मेरे मुहा पर पुरा चूत का पनि लग गया। फिर मौसि ने मुज़े अपनि तरफ़ करते हुवे कहा बेता अब रहा नहिन जता हैन जलदि से तुमहर येह मोता लुनद मेरि चूत मैन दल दू। मैन भि जोस मैन आगया था और मौसि कि चूतर के निचे तकिया रख कर उनकि चूत को थोदा उथा दिया और अपने लुनद का सुपरा चूत के मुहा पर रख कर एक जोरदर धका लगया, एक हि दक्के मैन मरा अधा लुनद उनकि चूत मैन चला गया था और जोरदर दक्के के करन उनकि मुहा से हलकि सि चिख निकल गयी। ऊऊउईईई माआआआआआअ धीईईईईईएरीईईईए दाआआआअल्ललूऊऊऊ।।।। उनकि हलकि चिख सुन कर मा जग चुकि थि लिकिन अनधेरा होने के करन वोह हमे या हमरे चुदै को देख नसकि और पुछा कया हुवा, मौसि ने दीमे से मा के कन मैन कहा कुच नहि मैन अपनि चूत मैन उनगलि दल कर अनदर बहर कर रहि थिस कि मुज़से रहा नहिन गया और मैन हलकि चिख उथि। मा ने कहा थिक है अवज़ धीरे करो कयोकि बगल मैन दिनु सोया है। हलकि उनदोनो ने इतनि धीमि अवज़ मैन बात चित करि फिर फि रात होने के करन मुज़े उनकि बात चित सुनै पदि। अब मैन कुच देर रुख गया था मेरा आदा लुनद अभि भि मौसि कि चूत मैन घूसा था। थोदि देर बद मैन मौसि के होतोन को चूसना शुरु किया और फ़िर से एक जोरदर धका मरा तो मेरा लुनद पुरा चूत मैन चला गया। मेरा लुनद जद तक घूसते हि मौसि चिलने कि कोसिस लकिन मेरा मुह मौसि के मुह मैन था इसलिये वोह चिला ना सकि। थोदि देर बद मैन अपना लुनद अनदर बहर करने लगा जिस से मौसि को जोश आगया और धीरे धीरे ऊऊऊऊउईईई ऊऊऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ और चोदो मुज़े कहने लगि मैन करिब 20 मिनुतेस तक उनहे चोदता रहा इसि बिच मौसि 4 बर झर चुकि थि जब मेरा पनि निकलने वला था मैन अपना लुनद उनकि चूत से निकल कर मुह देदिया और मेरा पनि मौसि के मुह मैन पुरा भर गया और वोह मेरे पनि तो गतगत पिने लगि। फिर मैन मौसि के बगल मैन अकर लेत गया। कुच देर बद मैने मौसि हथ मैन अपना सिकुदा हुवा लुनद पकदा दिया। मौसि मेरे लुनद को सहलने लगि और पुचा कि अभि भि पेत भरा नहिन कया मुज़े चोद कर ? मैने कहा मौसि मैन अब आप कि गनद भि मरना चहता हुन। उनोहने कहा बेता मैने आज तक गानद नहि मरवै और तुमहरा लुनद भि कफ़ि बदा और बोता हैन मुज़े तकलिफ़ होगि। मैने कहा दरो मत मैन आहिसता आहिसता दलूनगा तो मौसि बोलि बेता पहले अपने लुनद पर और मेरि गनद मैन धेर सरा तेल लगलो तो लुनद असनि से गानद मैन चला जयेगा। मैने कहा थिक हैन मैन तेल कि बोत्तल ले के आता हुन तुम पेत के बल अपनि गानद फैला कर रखना और मैन तेल लेने चला गया। अनदेरा होने के करन मुज़े तेल कि शिशि नहिन मिल रहि थि तेल कि शिशि जब लेकर आया तो कफ़ि समय लग गया तो देखा कि मौसि पेत के बल लेति हुयी थि मैने कहा अपने दोनो हथोन से अपनि गानद फैला दो तकि मैन गानद मैन अछि तरहा से तेल लगा सकु। उनोहोने कुच नहि कहा और अपने दोनो हथोन से चूतर पकर कर गनद फ़ैला दी, मैने अपनि हथेलि पर धेर सरा तेल दल कर उसकि गानद के छेद मैन तेल लगने लगा जब धेर सरा तेल लगा चुका तो मैने अपनि एक उनगलि उनकि गानद मैन दल दि। उनगलि मैन तेल लगा होने के करन मेरि बिच कि उनगलि असनि से अरम से घूस गयी लेकिन उनहोने मेरा हथ पकद कर बहर खिचा जिस वजहा से मेरि उनगलि गानद से बहर निकल आयी शयद उनको दरद हुवा होगा। अब मैन अपने लुनद पर भि कफ़ि तेल लगा लिया था मेरे लुनद के सुपदे पर भि कफ़ि तेल लगा लिया था तकि सुपदा असनि से उनकि गानद मैन जा सके। अब मैन उनसे कहा कि अपने दोनो हथो से चूतर को फ़ैला लो तकि गानद मैन लुनद दलने मे असनि हो जयेगि। उसने अपने दोनो हथो से अपनि चूतर उथा कर फ़ैला दी। अब मैन अपने लुनद का सुपदा उनकि गानद कि छेद पर रख कर हलका सा पुश किया थोदा सा सुपदा जते हि उनहोने अपनि गानद सिकोद लि जिस करन मेरा सुपदा गानद से बहर निकल गया। मैने पुचा गान कयोन सिकोदि, कया दरद होरहा हैन उनहोने केवेल अपना सिर हिला कर हान का जवब दिअय। मैने कहा आप अपने मुहा मैन निघत का कुच हिशा दबले तकि दरद होगा तो अवज़ नहि निकलेगि वरना अवज़ सुनकर मा जग जयेगि। उनोहोने उपने मुह मैन निघती का कुच भग दल दिया, अब मैने दोबरा उनसे चूतर फ़ैलने को कहा और उनकि गानद कि छेद पर लुनद का सुपदा लगा कर एक जोरका दक्का मरा मेरा लुनद का सुपदा पुरा गानद मैन घूस गया और उनके मुह से घून घून कि अवज़ आने लगि कयोन कि मुह मैन कपदा दबा हुवा था। कुच देर बद मैन फिर से एक जोरदर दक्का मरा मेरा पुरा लुनद गानद मैन घूस गया था और दरद के मरे उनका सरिर काप रहथा। अब मैन अपने लुनद तो अनदर बहर करने लगा। अभि गनद मरते हुवे मुज़े 10 मिनुतेस हि हुवे थे कि अचना किसि ने लिघत जला दि और रोशनि मैन मैने देखा मौसि कि जगह मा लेति हुयी थी और मैन मा कि गनद मर रहा था अनद लिघत जलने वलि मौसि पस्स हे ननगि खदि मुज़े मा कि गानद मरते हुवे देख रहि थि। अचनक मा को देख कर मैने अपने लुनद मा कि गानद से निकल लिया, और मा ने भि अपने मुह से कपदा निकल लिया और कहने लगि फिर से मेरि गानद मरो जब तुमने गानद मैन पुरा लुनद दल दिया था तो अब कया दरना मा से मैने फिर अपना लुनद मा कि गान मैन घूसा दिया और मा कि गानद मरने लगा। मैन जब मा कि गानद मर रहा था मा कहा रहि थि बेता आज तुमे मा कि गानद कि सेअल तोद दि। और जोर जोर से अनदर बहर करो अपना येह घोदे जैसा लुनद। अब मैन मा से पुचा अछा मा येह तो बतो तुम मौसि कि जगह कैसे आगयी। उनहोने कहा : दिनु जब तुम मौसि को चोद रहे थे तब मुज़े कुच सक होगया कयोन कि तुमहरि मौसि के मुह से ऊऊऊऊउईईईइ म्मम्मम्माआआआअ कि अवजे निकल रहि थि और जब तुम तेल लेने गये तम तुमहर मौसि ने मुज़े सब बता दिया इसतरह मौसि कि जगह मैं आगयी तुमसे गानद मरवने। चल जलदि से अब मेरि चूत मैन अपना लुनद पेल दे अब रहा नहिन जता। मैने तुरनत हे अपना लुनद निकल कर मा कि चूत मैन दल कर पेलने लगा और जब मैन मा को चोद रहा था मौसि मा कि मुह पर अपनि चूत रख कर रगर रहि थी करिब 20 मिनुतेस के बद मैने अपना विरया मा कि चूत मैन दल दिया इसी दरमियन मा 3 बर झर चुकि थि।
अब 2 महिने से मैन मा और मौसि को रोज़ रोज़ नयी नयी सतयलेस मैन चोदता हून।


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